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NTF SAMARITANS

Updated: Jun 9, 2020



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"आज मनाई असली ईद" शुभ संध्या साथियों, आज इस बालक की आवाज़ ने दिल झकझोर दिया, दिल्ली से निकलते ही ग़ाज़ियाबाद के पास NH 24 पर अल-करीम गौर चिकेन पॉइन्ट के बाहर जब मैं पहुँचा तो एक दबी सी आवाज़ में इस बालक में बोला साहब 2 रुपये दे दो, मैंने अपनी गंभीर दृष्टि से देखते हुए पूछा "क्या करेगा" । सामने से बड़ा दर्द भरे ज़वाब आया कि कल रात से कुछ नही खाये हैं साहब, खाने के लिए पैसे इक्कठे कर रहा हूँ, असमंजस में सोचते हुए मै पूछ बैठे "क्यों घर मे माँ नही है क्या?" बालक के आंखों में असँख्य आंसू आगये और रुद्रित आवाज़ में बोला "नहीं" मुझसे रहा नहीं गया, पूछने पर उसने बताया कि "मेरा नाम दिलशाद है और पापा कूड़ा बीनते है, औऱ मैं भी कूड़ा बीनने जाता हूं एक छोटा भाई है जिसकी उम्र 4 साल है वो घर रहता है और पिछले दिन से अब्बू की तबियत खराब होने से हम कूड़ा नहीँ बीन सके तो खाना नहीं मिला" । अब तक मेरी आँखे भी नम हो चुकी थी, "मैंने पूछा तुमने ईद नहीं मनाई?" दिलशाद ने रुद्रित आवाज़ में कहाँ के अब्बू कही से बिरयानी लाये तो वो कम थी इसलिए छोटे भाई को दे दी" ! मुझे समझ नहीं आरहा है कि हमारा देश का भविष्य आज भी भूखा सो रहा है आख़िर क्यो? ये बालक विद्यालय नहीं जाता है कबाड़ा बीनता है, क्या होगा इसका भविष्य ?? दिलशाद के आँसू देखकर मुझे बिरयानी नही खाई गयी, मैंने दिलशाद को अपनी टेबल पर बिठाया तो आसपास के लोगो को थोड़ी असहजता ज़रूर हुई लेकिन बाद में सब सामान्य हो गया। पहले दिलशाद को बिरयानी खिला के उसकी ईद मनवाई और भाई के लिए बिरयानी पैक करवाई फिर मैंने मालिक का नाम ले के  भोजन किया वाक़ई आज भोजन का स्वाद कुछ बदला हुआ था, आज संतोष एवम हर्ष की मात्रा ज्यादा थी।  साथियों ऐसे करोड़ो दिलशाद आज भी भूखे पेट सो रहे है, आप सभी से अनुरोध है कि इन बालकों को 2 या 10 रुपये न देकर आप अपने साथ भोजन कराएं, आप स्वयं गौरवान्वित महसूस करेंगे। एवम बालक का भी दिन बन जायेगा। आज दिलशाद नाम के इस बालक ने मेरी ईद मनवा दी। ईश्वर इसके दिन सुधारे एवम ये पढ़ लिख कर भारत  का एक जिम्मेदार नागरिक बने । -अरुण बी. कुमार गौतम Attachments area



 
 
 

1 Comment


truththesatyaa
Jun 08, 2020

Love you brother

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